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रुपयों की खाई

Dev Kumar
Dev Kumar
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नितिन मैं तुमसे से बात कर रही हूँ कहाँ चले गए थे तुम। मुझे बिन बताए क्यों चले गए थे। तुम्हें क्या पता मैंने तुम्हें कहाँ-कहाँ नहीं ढूँढा पर तुम कहीं नहीं मिले। जो लड़की तुमसे बात किए बिना एक दिन नहीं रह पाती थी उसने पूरा एक साल कैसे काटा होगा। मुझसे दूर जाने के बाद क्या तुम मुझे भूल गए थे जो एक भी दिन मुझसे बात भी नहीं की। मैंने जब-जब तुम्हारा नम्बर मिलाया मुझे तब-तब एक ही जवाब मिला आप जिस नम्बर से बात करना चाहते हैं वो इस समय बन्द है। तुम्हारी आवाज को तरसती मैं कहाँ-कहाँ गयी पर मुझे हमेशा मायूसी ही हाथ लगी। नितिन को खामोश देख आँचल की तेज आवाज अचानक से धीमी पड़ गई।  अपने आँसू पोंछते हुए आँचल ने आगे ने कहा-मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम मुझे इस तरह छोड़ कर चले जाओगे, Please Nitin Talk To Me मुझसे बात करो इस तरह खामोश रह के मेरे दर्द को और बढ़ावा न दो। अब तक किसी पत्थर की मूरत की तरह खड़ा नितिन आँचल के कदमों में गिर गया। कहने लगा मुझे माफ कर दो, मैं तुम्हारा गुनेहगार हूँ। मैंने अपनी औकात और तुम्हारी हैसियत भूल कर तुमसे प्यार किया मैं तुमसे दूर इस लिए गया था कि मैं तुम्हें हमेशा के लिए अपना जीवन साथी बना सकूँ।  तुम्हारे पापा ने मुझसे कहा था कि अगर मैं एक साल में एक करोड रुपये कमा लूँ तो वो हमारी शादी करा देंगे तुम्हारे पापा की बताई गई रकम के आगे उनका दिया गया वक्त बडा कम निकला Sorry आँचल मैं एक करोड रुपये नहीं कमा सका तुम्हारे पापा ने मुझे जिंदगी का बहुत बड़ा सबक ये सिखाया है कि प्यार भी अपनी औकात देखकर करना चाहिए, ताकि फिर कभी किसी लड़की का बाप किसी गरीब नितिन के आगे एक करोड़ रुपये की खाई न खोदे,,,,,,,,,?

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